अभिवृद्धि (Growth) और विकास (Development) दोनों ही जीवन की महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन ये एक-दूसरे से काफी अलग हैं। इन्हें अक्सर एक ही मान लिया जाता है, जबकि इनके अर्थ और प्रकृति में बहुत बड़ा अंतर है। मुख्य अंतर यह है कि अभिवृद्धि मात्रात्मक (Quantitative) होती है, जिसे मापा जा सकता है, जबकि विकास गुणात्मक (Qualitative) होता है, जिसे मापा नहीं जा सकता, बल्कि महसूस किया जाता है। आइए, इन्हें और भी आसान तरीके से समझते हैं। अभिवृद्धि (Growth) अभिवृद्धि का सीधा संबंध हमारे शरीर में होने वाले बदलावों से है। यह वो परिवर्तन हैं जिन्हें हम आसानी से देख और माप सकते हैं। * मात्रात्मक: इसमें शारीरिक आकार, वजन, ऊँचाई और शरीर के अंगों में वृद्धि शामिल है। जैसे, बच्चे का वजन बढ़ना या उसकी लंबाई बढ़ना। * निश्चित अवधि तक: अभिवृद्धि एक निश्चित समय तक ही होती है, आमतौर पर परिपक्वता (Maturity) की उम्र तक। एक निश्चित उम्र के बाद यह रुक जाती है। * संकीर्ण या सीमित: यह केवल शारीरिक पहलू पर केंद्रित होती है। * उदाहरण: 10 साल के बच्चे का वजन 25 किलो से 30 किलो हो जाना, या उसकी लंबाई का बढ़ना। विकास (Development) विकास एक बहुत ही व्यापक और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक पहलुओं में भी बदलाव शामिल होते हैं। * गुणात्मक: इसमें सोचने की क्षमता, तर्क करने की शक्ति, व्यवहार में सुधार, भावनात्मक परिपक्वता और सामाजिक समझ जैसे बदलाव आते हैं। * जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया: विकास जन्म से लेकर मृत्यु तक चलता रहता है। यह कभी नहीं रुकता। * व्यापक: यह अभिवृद्धि को भी अपने अंदर समाहित कर लेता है। यानी, अभिवृद्धि विकास का ही एक हिस्सा है। * उदाहरण: बच्चे का अपने पैरों पर खड़ा होना और चलना सीखना, समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करना, या दूसरों के साथ बेहतर तरीके से बातचीत करना सीखना। तुलनात्मक तालिका यह तालिका दोनों के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से दर्शाती है: | आधार | अभिवृद्धि (Growth) | विकास (Development) | |---|---|---| | अर्थ | शारीरिक आकार, वजन, लंबाई आदि में वृद्धि। | शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक सभी क्षेत्रों में प्रगतिशील परिवर्तन। | | प्रकृति | मात्रात्मक (Quantitative)। इसे मापा जा सकता है। | गुणात्मक (Qualitative)। इसे महसूस किया जा सकता है। | | अवधि | एक निश्चित समय (परिपक्वता) तक चलती है और फिर रुक जाती है। | जीवन भर, यानी जन्म से मृत्यु तक चलती रहती है। | | क्षेत्र | संकीर्ण या सीमित। केवल शारीरिक पक्ष पर केंद्रित। | व्यापक। इसमें सभी तरह के परिवर्तन शामिल होते हैं। | | मापन | सीधा और आसान। जैसे, वजन या लंबाई मापना। | मुश्किल। इसे सीधे तौर पर नहीं मापा जा सकता। | | उदाहरण | ऊँचाई बढ़ना, वजन बढ़ना। | सोचना, समझना, तर्क करना, सामाजिक व्यवहार सीखना। | संक्षेप में, अभिवृद्धि हमारे शरीर के बाहरी बदलावों से संबंधित है, जबकि विकास हमारे व्यक्तित्व के आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के बदलावों से संबंधित है।
अभिवृद्धि (Growth) और विकास (Development) दोनों ही जीवन की महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन ये एक-दूसरे से काफी अलग हैं। इन्हें अक्सर एक ही मान लिया जाता है, जबकि इनके अर्थ और प्रकृति में बहुत बड़ा अंतर है।bk sir
मुख्य अंतर यह है कि अभिवृद्धि मात्रात्मक (Quantitative) होती है, जिसे मापा जा सकता है, जबकि विकास गुणात्मक (Qualitative) होता है, जिसे मापा नहीं जा सकता, बल्कि महसूस किया जाता है।
आइए, इन्हें और भी आसान तरीके से समझते हैं।
अभिवृद्धि (Growth)
अभिवृद्धि का सीधा संबंध हमारे शरीर में होने वाले बदलावों से है। यह वो परिवर्तन हैं जिन्हें हम आसानी से देख और माप सकते हैं।
* मात्रात्मक: इसमें शारीरिक आकार, वजन, ऊँचाई और शरीर के अंगों में वृद्धि शामिल है। जैसे, बच्चे का वजन बढ़ना या उसकी लंबाई बढ़ना।
* निश्चित अवधि तक: अभिवृद्धि एक निश्चित समय तक ही होती है, आमतौर पर परिपक्वता (Maturity) की उम्र तक। एक निश्चित उम्र के बाद यह रुक जाती है।
* संकीर्ण या सीमित: यह केवल शारीरिक पहलू पर केंद्रित होती है।
* उदाहरण: 10 साल के बच्चे का वजन 25 किलो से 30 किलो हो जाना, या उसकी लंबाई का बढ़ना।
विकास (Development)
विकास एक बहुत ही व्यापक और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। इसमें सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक पहलुओं में भी बदलाव शामिल होते हैं।
* गुणात्मक: इसमें सोचने की क्षमता, तर्क करने की शक्ति, व्यवहार में सुधार, भावनात्मक परिपक्वता और सामाजिक समझ जैसे बदलाव आते हैं।bk sir
* जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया: विकास जन्म से लेकर मृत्यु तक चलता रहता है। यह कभी नहीं रुकता।
* व्यापक: यह अभिवृद्धि को भी अपने अंदर समाहित कर लेता है। यानी, अभिवृद्धि विकास का ही एक हिस्सा है।
* उदाहरण: बच्चे का अपने पैरों पर खड़ा होना और चलना सीखना, समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करना, या दूसरों के साथ बेहतर तरीके से बातचीत करना सीखना।
तुलनात्मक तालिका
यह तालिका दोनों के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से दर्शाती है:
| आधार | अभिवृद्धि (Growth) | विकास (Development) |
|---|---|---|
| अर्थ | शारीरिक आकार, वजन, लंबाई आदि में वृद्धि। | शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और बौद्धिक सभी क्षेत्रों में प्रगतिशील परिवर्तन। |
| प्रकृति | मात्रात्मक (Quantitative)। इसे मापा जा सकता है। | गुणात्मक (Qualitative)। इसे महसूस किया जा सकता है। |
| अवधि | एक निश्चित समय (परिपक्वता) तक चलती है और फिर रुक जाती है। | जीवन भर, यानी जन्म से मृत्यु तक चलती रहती है। |Bk sir
| क्षेत्र | संकीर्ण या सीमित। केवल शारीरिक पक्ष पर केंद्रित। | व्यापक। इसमें सभी तरह के परिवर्तन शामिल होते हैं। |
| मापन | सीधा और आसान। जैसे, वजन या लंबाई मापना। | मुश्किल। इसे सीधे तौर पर नहीं मापा जा सकता। |
| उदाहरण | ऊँचाई बढ़ना, वजन बढ़ना। | सोचना, समझना, तर्क करना, सामाजिक व्यवहार सीखना। |
संक्षेप में, अभिवृद्धि हमारे शरीर के बाहरी बदलावों से संबंधित है, जबकि विकास हमारे व्यक्तित्व के आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के बदलावों से संबंधित है।
Comments
Post a Comment