B.Ed first year gender school and society important question general student society important questions
बी.एड. प्रथम वर्ष के "लिंग, विद्यालय और समाज" (Gender, School and Society) विषय के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके संभावित उत्तर यहाँ हिंदी में दिए गए हैं। ये प्रश्न आमतौर पर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं:
महत्वपूर्ण प्रश्न:
* लिंग और लैंगिकता (Gender and Sex) में क्या अंतर है? स्पष्ट कीजिए।
* उत्तर: इस प्रश्न में आपको 'लिंग' (Sex) जो कि जैविकीय है, और 'लैंगिकता' (Gender) जो कि सामाजिक-सांस्कृतिक निर्माण है, के बीच का अंतर स्पष्ट करना होगा। उदाहरणों के साथ बताएं कि कैसे समाज लिंग के आधार पर भूमिकाएं, व्यवहार और अपेक्षाएं निर्धारित करता है।
* लैंगिक रूढ़िवादिता (Gender Stereotypes) से आप क्या समझते हैं? भारतीय समाज में इसके वास्तविक स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
* उत्तर: इसमें लैंगिक रूढ़िवादिता की परिभाषा दें और बताएं कि यह कैसे समाज में लड़के-लड़कियों के लिए निश्चित धारणाएं बना देती है। भारतीय संदर्भ में इसके उदाहरण दें, जैसे लड़कियों का घर के कामों तक सीमित रहना या लड़कों पर कमाने का दबाव।
* लैंगिक समाजीकरण (Gender Socialization) में परिवार और विद्यालय की भूमिका का वर्णन कीजिए।
* उत्तर: बताएं कि कैसे परिवार बच्चों को लिंग-विशिष्ट भूमिकाएं सिखाते हैं (जैसे खिलौने, कपड़े, काम)। विद्यालय कैसे पाठ्यक्रम, शिक्षकों के व्यवहार और सहपाठियों के माध्यम से लैंगिक समाजीकरण को प्रभावित करते हैं। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभावों पर चर्चा करें।
* लैंगिक असमानता (Gender Inequality) के क्या कारण हैं? शिक्षा, पाठ्यक्रम और मूल्यांकन की भूमिका लैंगिक असमानता को दूर करने में कैसे सहायक हो सकती है?
* उत्तर: लैंगिक असमानता के विभिन्न कारणों पर प्रकाश डालें, जैसे पितृसत्तात्मक सोच, रीति-रिवाज, आर्थिक कारक आदि। फिर बताएं कि शिक्षा कैसे जागरूकता बढ़ा सकती है, पाठ्यक्रम कैसे लैंगिक समानता को बढ़ावा दे सकता है, और मूल्यांकन कैसे पूर्वाग्रह रहित हो सकता है।
* महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) से आप क्या समझते हैं? शिक्षा महिला सशक्तिकरण में किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है?
* उत्तर: महिला सशक्तिकरण की अवधारणा स्पष्ट करें, जिसमें महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना शामिल है। शिक्षा कैसे महिलाओं को जागरूक करती है, आत्मनिर्भर बनाती है और उनके अधिकारों के लिए लड़ने में मदद करती है, इस पर विस्तार से लिखें।
* पाठ्यक्रम किस प्रकार लैंगिक संवेदनशीलता (Gender Sensitization) में सहायक है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
* उत्तर: बताएं कि एक लिंग-संवेदनशील पाठ्यक्रम क्या होता है। उदाहरण दें कि कैसे पाठ्यपुस्तकों में लैंगिक समानता को दर्शाया जा सकता है, शिक्षकों को लैंगिक पूर्वाग्रह से मुक्त होना सिखाया जा सकता है, और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियां कैसे लैंगिक समानता को बढ़ावा दे सकती हैं।
* विद्यालयों में यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार को रोकने में संस्थाओं की क्या भूमिका है? आप इसे कैसे पहचानेंगे और इसका निवारण कैसे करेंगे?
* उत्तर: विद्यालयों में सुरक्षित वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर दें। बताएं कि विद्यालय प्रबंधन समिति, शिक्षक, अभिभावक और छात्र कैसे मिलकर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार को रोकने में भूमिका निभा सकते हैं। शिकायत निवारण तंत्र, जागरूकता अभियान और सख्त नीतियों के बारे में लिखें।
* मातृत्व (Motherhood) से आप क्या समझते हैं? लैंगिक असमानता में धर्म की चुनौतियों का वर्णन कीजिए।
* उत्तर: मातृत्व की अवधारणा को सामाजिक और जैविकीय दोनों दृष्टियों से समझाएं। फिर चर्चा करें कि कैसे कुछ धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं लैंगिक असमानता को बढ़ावा देती हैं, जैसे महिलाओं को कुछ भूमिकाओं तक सीमित रखना या उनके अधिकारों पर प्रतिबंध लगाना।
* जनसंचार माध्यम (Mass Media) का क्या अर्थ है? लैंगिक असमानता में जनसंचार माध्यमों की भूमिका का वर्णन कीजिए।
* उत्तर: जनसंचार माध्यमों की परिभाषा दें (जैसे टीवी, रेडियो, अखबार, इंटरनेट)। फिर बताएं कि कैसे ये माध्यम लैंगिक रूढ़िवादिता को बढ़ावा दे सकते हैं (जैसे विज्ञापनों में महिलाओं को सिर्फ गृहणी दिखाना) या फिर लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता फैला सकते हैं (जैसे सशक्त महिलाओं की कहानियों को प्रदर्शित करना)।
* लैंगिक समानता (Gender Equality) और लैंगिक समता (Gender Equity) में अंतर स्पष्ट कीजिए। भारत में समता और समानता की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
* उत्तर: समानता का अर्थ है सभी को एक समान अवसर देना, जबकि समता का अर्थ है आवश्यकतानुसार विशिष्ट सहायता प्रदान करना ताकि सभी को समान परिणाम मिल सकें। भारतीय संदर्भ में इन दोनों की स्थिति पर चर्चा करें, जैसे लड़कियों के लिए विशेष योजनाएं (समता) और सभी को समान शिक्षा का अधिकार (समानता)।
इन प्रश्नों के उत्तर तैयार करते समय, आप अपने नोट्स, पाठ्यपुस्तकों और संबंधित अध्ययन सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। उत्तरों को व्यवस्थित और तार्किक ढंग से लिखने का अभ्यास करें।
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