Agar neet mein kam number a jaaye to Kya Karen

 अगर आपके NEET 2025 में कम नंबर आए हैं, तो निराश होने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। आपके पास अभी भी कई विकल्प मौजूद हैं।

1. दोबारा तैयारी करें (ड्रॉप लेना)

अगर आपको लगता है कि आप अगली बार बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं और आप MBBS या BDS ही करना चाहते हैं, तो एक साल का ड्रॉप लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

 * रणनीति: अपनी कमजोरियों का विश्लेषण करें, उन विषयों पर अधिक ध्यान दें जहां आपको दिक्कत आती है, और नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें। कई कोचिंग संस्थान NEET रिपीटर्स के लिए विशेष प्रोग्राम चलाते हैं।

 * फायदे: इससे आपको अपनी तैयारी को और मजबूत करने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का एक और मौका मिलेगा।

2. अन्य मेडिकल और पैरामेडिकल कोर्सेज पर विचार करें

MBBS के अलावा भी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कई बेहतरीन करियर विकल्प उपलब्ध हैं जिनके लिए NEET स्कोर की आवश्यकता होती है, लेकिन कटऑफ कम होता है:

 * बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी): दांतों से संबंधित बीमारियों और उपचार पर केंद्रित।

 * बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी): आयुर्वेद, पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली पर आधारित।

 * बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी): होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली पर आधारित।

 * बीवीएससी (बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस): पशु चिकित्सा और सर्जरी से संबंधित।

 * बीएससी नर्सिंग (बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग): नर्सिंग क्षेत्र में करियर के लिए।

 * बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी): शारीरिक उपचार और पुनर्वास से संबंधित।

 * बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी.फार्म): फार्मास्युटिकल उद्योग में करियर के लिए।

 * अन्य पैरामेडिकल कोर्सेज: जैसे मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (MLT), रेडियोलॉजी, ऑप्टोमेट्री, न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स, ऑक्यूपेशनल थेरेपी आदि। ये कोर्स कम अवधि के होते हैं और इनमें भी अच्छे करियर के अवसर होते हैं।

3. प्राइवेट कॉलेज या डीम्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश

अगर आपके मार्क्स सरकारी कॉलेज के कटऑफ से कम हैं, तो आप प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों या डीम्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए विचार कर सकते हैं।

 * ध्यान दें: प्राइवेट कॉलेजों की फीस काफी ज्यादा हो सकती है, इसलिए वित्तीय पहलुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। कई बार राज्य कोटे के तहत कुछ प्राइवेट कॉलेजों में कम मार्क्स पर भी सीट मिल सकती है।

4. विदेश से MBBS करें

अगर आपका सपना केवल डॉक्टर बनना है और भारत में सरकारी सीट नहीं मिल रही है, तो आप विदेश में एमबीबीएस करने का विकल्प चुन सकते हैं।

 * फायदे: कई देशों (जैसे रूस, जॉर्जिया, यूक्रेन, बांग्लादेश, चीन) में एमबीबीएस की पढ़ाई भारत के प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में सस्ती हो सकती है।

 * ध्यान दें: विदेश से पढ़ाई करने पर आपको भारत में प्रैक्टिस करने के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) पास करना होगा। इसलिए उन विश्वविद्यालयों का चयन करें जिनकी डिग्री भारत में मान्य हो।

5. काउंसलिंग प्रक्रिया को समझें

 * ऑल इंडिया कोटा (AIQ) और स्टेट कोटा: NEET की काउंसलिंग दो तरह से होती है - 15% सीटों के लिए ऑल इंडिया कोटा और 85% सीटों के लिए स्टेट कोटा। अक्सर स्टेट कोटे में कटऑफ थोड़ा कम हो सकता है।

 * कटऑफ: विभिन्न श्रेणियों (सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी) और कॉलेजों के लिए कटऑफ अलग-अलग होते हैं। आपको अपने स्कोर के आधार पर विभिन्न कॉलेजों और कोर्सेज के संभावित कटऑफ की जांच करनी चाहिए।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि निराश न हों। NEET एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है और इसमें कम अंक आना आपकी क्षमताओं का अंतिम निर्धारण नहीं है। अपने विकल्पों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें और अपने भविष्य के लक्ष्यों और रुचियों के आधार पर सबसे अच्छा निर्णय लें। आप करियर काउंसलर से भी सलाह ले सकते हैं।


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